आज तो ना जाने कितने कत्ल होंगे और ना जाने किस किस पर बिजलियाँ गिरेगी आज तो ना जाने कितने कत्ल होंगे और ना जाने किस किस पर बिजलियाँ गिरेगी
शाम को जब घर आता था तो हर थोड़ी देर के बाद उस घर से मुझे किसी के चीखने रोने की आवाज आती शाम को जब घर आता था तो हर थोड़ी देर के बाद उस घर से मुझे किसी के चीखने रोने की आ...
आज की सभा यहां समाप्त, कल फिर जानेंगे, भारत की किसी अनोखी बात को।" आज की सभा यहां समाप्त, कल फिर जानेंगे, भारत की किसी अनोखी बात को।"
वो क्या खुद मौत भी आकर नहीं मिटा पायेगी। वो क्या खुद मौत भी आकर नहीं मिटा पायेगी।
नहीं तो मुकेश जैसे उदाहरण हमारे समाज में भरे पड़े हैं..... नहीं तो मुकेश जैसे उदाहरण हमारे समाज में भरे पड़े हैं.....
उसका दिमाग एक बुरे सपने से बहुत पीड़ित था उसका दिमाग एक बुरे सपने से बहुत पीड़ित था